प्रदूषण मुक्त दीवाली पर निबंध
दिवाली हमेशा से ही खुशियों का त्यौहार रहा है त्यौहार आते ही चारों तरफ बाजारों में रोनक लग जाती हैऐसा लगता है कि हम एक अलग ही दुनिया में आ गए हो रात को दिवाली त्यौहार की विशालता का पता चलता है
क्योंकि ऐसा लगता है की जैसे आतिशबाजी तथा घरों की रोशनी से सूरज धरती पर आ गया हो ,
लेकिन इस खुशी भरे माहौल के बीच हम पर्यावरण को बहुत अधिक प्रदूषित कर देते हैं ,
खासतौर पर पटाखों से निकलते हुए धुआँ तथा शोर से ना केवल इंसानों बल्कि पशु-पक्षी भी बहुत बड़े स्तर पर प्रभावित होते हैं,
लेकिन अगर हम चाहें तो एक ग्रीन दिवाली बनाकर अच्छा संदेश दे सकते हैं, और पर्यावरण संरक्षण में अपनी हिस्सेदारी दे सकते हैं ,
इसके लिए हमें बस कुछ छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखना पड़ेगा,
सबसे पहले हमें दिवाली पर बहुत अधिक मात्रा में यूज होने वाली चाइनीस लाइट, को इस्तेमाल करना कम करना पड़ेगा या उसे बंद ,
क्योंकि इससे ना केवल पैसे की बर्बादी होती है बल्कि बहुत बड़े स्तर पर लाइट पोल्लुशण भी फैलता है
इसके साथ बिजली को पैदा करने के लिए धरती के संसाधनों का भी बेवजह इस्तेमाल होता है
इसके अलावा दिवाली की रात को बहुत अधिक मात्रा में पटाखे जलाए जाते हैं जिससे बहुत अधिक मात्रा में प्रदूषण फैलता है जो बीमारियों का कारण बनता है
इससे पशु पक्षी बहुत अधिक मात्रा में प्रभावित होते हैं तथा हमारी मेहनत के पैसों की बर्बादी होती है जिसको हम सही जगह इस्तेमाल करके अपना जीवन सुधार सकते थे
लेकिन हम चाहे तो इन सब चीजों को बदल सकते हैं
इसके लिए हमें जितना समय पटाखे जलाने के लिए खर्च लिया उसने समय में हम एक अच्छी सी रंगोली बना सकते थे जिससे कि हमारे कला मैं भी सुधार आता ,
यही नहीं इलेक्ट्रिकल लाइट की जगह हम मिट्टी के दीए जला सकते हैं, वह भी कम मात्रा में,
इस तरह हम एक- इको फ्रेंडली दिवाली बनाकर समाज को अच्छा संकेत देंगे और खुद भी गौरवान्वित महसूस करेंगे
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प्रदूषण मुक्त दीवाली पर निबंध |