स्टेचू ऑफ यूनिटी पर निबंध
स्टेचू ऑफ यूनिटी या कहे एकता की मूरत भारत के गुजरात राज्य के नर्मदा जिले में स्थित सरदार सरोवर बांध के समीप बनाई गई दुनिया की सबसे बड़ी प्रतिमा है जिसकी ऊंचाई 182 मीटर या 597 फीट है जो कि दुनिया में सबसे अधिक हैप्रतिमा का निर्माण कार्य 31 अक्टूबर 2014 को श्री सरदार पटेल जी के जयंती दिवस पर प्रारंभ हुआ था और 31 अक्टूबर 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा इसका उद्घाटन अत्यंत भव्य तथा शानदार तरीके से किया गया
प्रतिमा का नाम स्टैचू ऑफ यूनिटी सरदार पटेल जी द्वारा भारत को एक करने के किए गए प्रयासों की वजह से रखा गया क्योंकि आजादी के वक्त भारत अलग अलग रियासतों के अधीन था और अगर वह अपने हिसाब से शासन चलाते तो भारत आज के समय इतना बड़ा देश ना होकर छोटे-छोटे अलग देशों में बटा होता
यह सरदार पटेल जी के प्रयास ही थे जिनकी वजह से भारत इतनी धर्मो विविधताओं संस्कृति तथा भाषा का देश होते हुए भी एक साथ आज तक बना हुआ है दुनिया में ऐसा कोई भी देश नहीं है जहां भारत जितनी भाषाएं बोली जाती हो या फिर भारत जितनी संस्कृति कहीं पर मौजूद हो और यह सब सरदार पटेल जी की वजह से ही मुमकिन हो पाया
सरदार पटेल जी का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को नांदेड़ में हुआ जो उस समय अंग्रेजों के अधीन भारत के मुंबई कार्यक्षेत्र के अंदर आता था आज नांदेड़ गुजरात राज्य में स्थित है
आजादी में अपना योगदान तथा भारत को एक करने में सरदार जी द्वारा लिए गए कार्य की वजह से उन्हें लोह पुरुष का दर्जा दिया गया लेकिन सरदार जी आजादी के बाद ज्यादा समय तक जीवित नहीं रह पाए और 15 दिसंबर 1950 को मुंबई में हार्ट अटैक की वजह से सरदार जी का निधन हो गया उनके निधन से पूरे देश को गहरा नुकसान हुआ लेकिन हमें इस महापुरुष के कार्य को नहीं भूलना चाहिए इसी का ध्यान रखते हुए स्टेचू ऑफ यूनिटी जैसे भव्य तथा विशाल का निर्माण कराया गया
स्टैचू ऑफ यूनिटी की ऊंचाई का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इसके बाद मुझे दुनिया का दूसरा सबसे ऊंचा स्टैचू स्प्रिंग टेंपल बुद्धा जो चाइना में है उसकी उचाई 153 मीटर है
अगर हम स्टेचू ऑफ यूनिटी की ऊंचाई को उसके आधार से मापे तो यह 758 मीटर तक पहुंच जाती है स्टैचू ऑफ यूनिटी को बनाने के लिए पहले देश के कोने-कोने से लोहा इकट्ठा कर उसे स्टेच्यू बनाने की बात हुई थी इसके मद्देनजर लगभग 5000 TON से भी अधिक लोहे को 3 महीने के अंदर इकट्ठा किया गया लेकिन बाद में स्टैचू की गुणवत्ता में इसके असर को देखते हुए इस लोहे का इस्तेमाल स्टैचू के आसपास के निर्माण कार्यों के लिए के जाना ही उचित समझा गया
स्टैचू ऑफ यूनिटी देखने में अत्यंत भव्य है और इसके पास पहुंचने के लिए एक ब्रिज बनाया गया है जो सीधे स्टैचू ऑफ यूनिटी के आधार तक लेकर जाता है इसके अलावा स्टेचू ऑफ यूनिटी के आसपास होटल रूम गार्डन बनाकर इसको एक आकर्षक टूरिस्ट स्थान बनाया जा रहा है जिससे कि इसकी महत्वता पूरी दुनिया में फैले
स्टैचू ऑफ यूनिटी बनाने में काफी रिसर्च तथा इंजीनियरिंग की मदद ली गई जिससे कि यह है इतना ऊंचा निर्माण संभव हो पाया स्टैचू ऑफ यूनिटी काफी तेज हवाओं तथा हाई तीव्रता के भूकंप को भी झेल सके इसका भी मुख्य रूप से ध्यान दिया गया
इसके लिए मजबूत रेन फॉर सीमेंट कंकरीट ( RCC) तथा हाई क्वालिटी के स्टील का इस्तेमाल किया गया सबसे पहले एक मजबूत नींव का निर्माण किया गया जिसके लिए वहां की मिट्टी की गुणवत्ता के भी अच्छी तरह जांच की गई इसके बाद दो रेन फोर्स कंक्रीट के स्तंभों के इर्द-गिर्द सरदार पटेल जी के ढांचे का निर्माण किया गया
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