छात्रों पर अभिभावकीय दबाव

हर पेरेंट्स चाहते हैं कि उनका बच्चा जीवन में एक अच्छे मुकाम पर पहुंचे और इसके लिए वह अपने बच्चों को लगातार पढ़ाई के प्रति प्रेरित करते हैं लेकिन कई बार विद्यार्थी अपने माता पिता की बातों से पढ़ाई में ध्यान लगाने के बजाय अपने ऊपर प्रेशर महसूस करता है जिसकी वजह कम उम्र और अनुभव है इसके अलावा पेरेंट्स को भी अपने बच्चों की सूची का ध्यान रखना चाहिए आज के कंपटीशन के दौर में यह समझना और भी आवश्यक हो जाता है क्योंकि जब तक आप की किसी चीज में रुचि नहीं होगी तब तक आप उसमें बेहतरीन तरीके से निपुण नहीं हो पाएंगे और आज के दौर में वही विद्यार्थी कामयाब है जोकि किसी भी काम में निपुण हो चाहे वह कोई भी फील्ड क्यों ना हो भारत में पढ़ाई को एक अलग ही अहमियत दी जाती है और पेरेंट्स अक्षर काफी रुपए खर्च कर अपने बच्चों को अच्छे स्कूल और कॉलेज में तो डालते ही हैं उसकी सभी जरूरतें भी पूरी करते हैं जिसमें ट्यूशन और किताबें आदि शामिल है क्योंकि एक अच्छे कॉलेज में एडमिशन और सरकारी नौकरी को ही यहां पर सफलता की निशानी माना जाता है इसके लिए बच्चों को अक्षर माता पिता खेलकूद और अन्य एक्टिविटी से दूर रखने का प्रयास करत